2. इतिहासलेखन:भारतीय पंरपरा
SSC
History Multiple Choice Questions
2. Historiography: Indian
Tradition MCQ
Maharashtra State Board
#SSC
|
१ |
प्राचीन भारतामध्ये पूर्वजांचे
पराक्रम, दैवतपरंपरा, सामाजिक स्थित्यंतरे इत्यादींच्या स्मृती केवळ …….. परंपरेने
जपल्या जात होत्या. |
|
अ |
लिखित |
|
ब |
मौखिक |
|
क |
भौतिक |
|
ड |
दृक्-श्राव्य |
|
उत्तर |
मौखिक |
|
२ |
हडप्पा संस्कृतीमध्ये
मिळालेल्या प्राचीन लेखांच्या आधारे भारतामध्ये लेखनकला …….. सहस्रकापासून किंवा
त्याही पूर्वीपासून आस्तित्वात होती. |
|
अ |
इ. स. पूर्वी चौथ्या |
|
ब |
इ. स. तिसऱ्या |
|
क |
इ. स. पूर्वी तिसऱ्या |
|
ड |
इ. स. चौथ्या |
|
उत्तर |
इ. स. पूर्वी तिसऱ्या |
|
३ |
…….. संस्कृतीची लिपी
वाचव्यात अजूनही यश मिळाले नाही. |
|
अ |
सुमेर |
|
ब |
मोहेजोदडो |
|
क |
हडप्पा |
|
ड |
अतिप्राचीन |
|
उत्तर |
हडप्पा |
|
४ |
भारतातील ऐतिहासिक स्वरुपाचे सर्वाधिक प्राचीन लिखित साहित्य हे …….. लेखाच्या
स्वरुपातील आहे. |
|
अ |
कोरीव |
|
ब |
लेखी |
|
क |
भौतिक |
|
ड |
मौखिक |
|
उत्तर |
कोरीत |
|
५ |
कोरीव लेखांची सुरुवात
……. याच्या काळापासून होते. |
|
अ |
सम्राट अकबर |
|
ब |
सम्राट शहाजहान |
|
क |
महाराणा प्रताप |
|
ड |
सम्राट अशोक |
|
उत्तर |
सम्राट अशोक |
|
६ |
सम्राट …… कोरीव लेख हे
दगडी स्तंभांवर कोरलेले आहेत. |
|
अ |
अशोकाचे |
|
ब |
अकबराचे |
|
क |
शहाजहानचे |
|
ड |
महाराणा प्रतापचे |
|
उत्तर |
अशोकाचे |
|
७ |
……. ताम्रपट सोहगौडा येथे
सापडला. |
|
अ |
जैन धर्मातील |
|
ब |
रामायणातील |
|
क |
सोहगौडा |
|
ड |
बौद्धग्रंथातील |
|
उत्तर |
सोहगौडा |
|
८ |
सोहगौडा हा ताम्रपट
…… काळातील असावा. |
|
अ |
हडप्पा |
|
ब |
मौर्य |
|
क |
सुमेर |
|
ड |
मोहेजोदडो |
|
उत्तर |
मौर्य |
|
९ |
सोहगौडा ताम्रपटावरील
कोरीव लेख …….. लिपीत आहेत. |
|
अ |
ब्राम्ही |
|
ब |
मोडी |
|
क |
संस्कृत |
|
ड |
हिंदी |
|
उत्तर |
ब्राम्ही |
|
१० |
सोहगौडा ताम्रपटावरी
…….. हा आदेश लिहिला आहे. |
|
अ |
देशाचे रक्षण करावे |
|
ब |
संस्कृती जपावी |
|
क |
वृक्षसंवर्धन करावे |
|
ड |
कोठारघरांमधील धान्य जपून
वापरण्यात यावे. |
|
उत्तर |
कोठारघरांमधील धान्य जपून
वापरण्यात यावे. |
|
११ |
प्राचीन काळातील ……. सांगणारे
लेखन हे भारतीय इतिहासलेखनाच्या वाटचालीचे महत्त्वाचे टप्पे आहेत. |
|
अ |
देवतांचे इतिहास |
|
ब |
भारतीय संस्कृती |
|
क |
राजघराण्यांचा इतिहास |
|
ड |
सर्वसमान्वयक इतिहास |
|
उत्तर |
राजघराण्यांचा इतिहास
|
|
१२ |
बाणभट्ट था कवीने लिहिलेले
……. संस्कृत काव्य ऐतिहासिक चरित्रग्रंथाच्या
स्वरुपाचे आहे. |
|
अ |
राजतंरगिणी |
|
ब |
हर्षचरित |
|
क |
अभिज्ञानशाकुंतलभिती |
|
ड |
रामायण |
|
उत्तर |
हर्षचरित |
|
१3 |
…… याने राजतंरगिणी हा
ग्रंथ लिहिला. |
|
अ |
जॉन मार्शल |
|
ब |
जेम्स मिल |
|
क |
झियाउद्दीन बरनी |
|
ड |
कल्हण |
|
उत्तर |
कल्हण |
|
14 |
राजतरंगिणी हा …. च्या
इतिहासावरील ग्रंथ आहे. |
|
अ |
काश्मीर |
|
ब |
महाराष्ट्र |
|
क |
भारत |
|
ड |
युरोपच्या |
|
उत्तर |
काश्मीर |
|
15 |
मध्ययुगीन भारत मुस्लीम
इतिहासकारांच्या लेखनावर …. आणि …… इतिहासलेखनाच्या परंपरेचा प्रभाव असलेला दिसतो. |
|
अ |
संस्कृत आणि हिंदी |
|
ब |
ब्राम्ही आणि मोडी |
|
क |
अरबी आणि फारसी |
|
ड |
मोडी आणि अरबी |
|
उत्तर |
अरबी आणि फारसी |
|
16 |
मध्ययुगीन मुस्लीम इतिहासकार
झियाउद्दीन बरनी याने …….. ग्रंथ लिहिला. |
|
अ |
हर्षचरित |
|
ब |
तारीख-इ-फिरुजशाही |
|
क |
द हिस्टरी ऑफ इंडिया |
|
ड |
तुझुक-इ-बाबरी |
|
उत्तर |
तारीख-इ-फिरुजशाही |
|
17 |
तारीख-इ फिरुजशाही या
ग्रंथात ……… हेतू स्पष्ट केला आहे. |
|
अ |
राजकारणाचा |
|
ब |
ऐतिहासिक परंपरेचा |
|
क |
युद्धाचा |
|
ड |
इतिहासलेखनाचा |
|
उत्तर |
इतिहासलेखनाचा |
|
18 |
……. च्या विचारसरणीमुळे
इतिहासाची व्याप्ती अधिक विस्तारली. |
|
अ |
झियाउद्दीन बरनी |
|
ब |
बाबर |
|
क |
अकबर |
|
ड |
जेम्स मिल |
|
उत्तर |
झियाउद्दीन बरनी |
|
19 |
……. याने तारीख-इ-मुबारकशाही
हा ग्रंथ लिहिला. |
|
अ |
अल्बेरुनी |
|
ब |
इब्न बतुता |
|
क |
मार्को पोलो |
|
ड |
अहमद सरहिंदी |
|
उत्तर |
अहमद सरहिंदी |
|
20 |
…….. याने तुझुक-इ-बाबरी
हा ग्रंथ रचला. |
|
अ |
झियाउद्दीन बरनी |
|
ब |
बाबर |
|
क |
अकबर |
|
ड |
इब्न बतुता |
|
उत्तर |
बाबर |
|
21 |
इतिहासलेखनाच्या चिकित्सक
पद्धीच्या दृष्टीने अबुल फजल याने लिहिलेल्या ……… ग्रंथाचे विशेष महत्त्व आहे. |
|
अ |
सभासद बखर |
|
ब |
हसन निजामी |
|
क |
अकबरनामा |
|
ड |
मार्को पोलो |
|
उत्तर |
अकबरनामा |
|
22 |
अबुल फजलने अवलंबलेली
संशोधनपद्धनी …….. होती असे मानले जाते. |
|
अ |
पूर्वग्रहदुषित |
|
ब |
पुर्वग्रहविरहित |
|
क |
गौण |
|
ड |
काल्पनिक |
|
उत्तर |
पुर्वग्रहविरहित |
|
23 |
…… या ऐतिहासक साहित्यात
शुरवीरांचे गुणगान, ऐतिहासिक घडामोडी, लढाया, थोर पुरुषांची चरित्रे यांचे वर्णन
आढळते. |
|
अ |
पौराणिक ग्रंथ |
|
ब |
वृत्तपत्र |
|
क |
बखर |
|
ड |
पोवाडा |
|
उत्तर |
बखर |
|
24 |
महाराजांच्या कारकीर्दित
कृष्णाजी अनंत सभासद यांनी सभासद बखर ही बखर लिहिली. |
|
अ |
छत्रपती राजाराम |
|
ब |
राजा मॅकमोहन रॉय |
|
क |
छत्रपती शिवाजी |
|
ड |
छत्रपती शाहू |
|
उत्तर |
छत्रपती राजाराम |
|
25 |
……. या बखरीत पानीपतच्या
लढाईचे वर्णन आहे. |
|
अ |
सभासद बखर |
|
ब |
होळकरांची कैफियत |
|
क |
अकबरनामा |
|
ड |
भाऊसाहेबांची बखर |
|
उत्तर |
भाऊसाहेबांची बखर |
|
26 |
…… या बखरीतून होळकरांचे
घराणे आणि त्यांचे योगदान समजते. |
|
अ |
सभासद बखर |
|
ब |
अकबरनामा |
|
क |
होळकरांची कैफियत |
|
ड |
पानीपतची बखर |
|
उत्तर |
होळकरांची कैफियत |
|
27 |
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण
खात्याचे पहिले सरसंचालक ……. हे होते. |
|
अ |
जॉन मार्शल |
|
ब |
अॅलेक्झांडर कनिंगहॅम |
|
क |
फ्रेडरिक मॅक्सम्युलर |
|
ड |
विल्यम जॉन्स |
|
उत्तर |
ॲलेक्झांडर कनिंगहॅम |
|
28 |
प्राचीन स्थळांचे उत्खनन
करण्यासाठी ॲलेक्झांडर कनंगहॅम् याने….. ग्रंथामध्ये उल्लेख असलेल्या स्थळांवर लक्ष
केंद्रित केले. |
|
अ |
रामायण |
|
ब |
महाभारत |
|
क |
बौद्ध |
|
ड |
फारसी |
|
उत्तर |
बौद्ध |
|
29 |
……. याच्या कारकिर्दीत
हडप्पा संस्कृतीचा शोध लागला. |
|
अ |
जेस्म मिल |
|
ब |
जॉन मार्शल |
|
क |
विल्यम जॉन्स |
|
ड |
फ्रेडरिक मॅक्सम्यूलर |
|
उत्तर |
जॉन मार्शल |
|
30 |
भारतात आलेल्या अनेक ब्रिटीश
अधिकाऱ्यांनी केलेल्या भारतीय इतिहसलेखनावर ब्रिटीशांच्या ……… धोरणाचर प्रभाव असलेला
दिसतो. |
|
अ |
वसाहतवादी |
|
ब |
कल्याणकारी |
|
क |
मार्क्सवादी |
|
ड |
वंचितवादी |
|
उत्तर |
वसाहतवादी |
|
3१ |
ब्रिटीश इतिहासकाराने
भारतीय इतिहासावर लिहिलेला …… ग्रंथ हा पहिला ग्रंथ होय. |
|
अ |
द हिस्टरी ऑफ इंडिया |
|
ब |
द हिस्टरी ऑफ इ मराठाज् |
|
क |
केंब्रिज हिस्टरी ऑफ इंडिया |
|
ड |
द हिस्टरी ऑफ ब्रिटीश
इंडिया |
|
उत्तर |
द हिस्टरी ऑफ ब्रिटीश
इंडिया |
|
32 |
माउंट स्टुअर्ट एल्फिन्स्टन
यांनी …… हा ग्रंथ् लिहिला. |
|
अ |
द हिस्टरी ऑफ इंडिया |
|
ब |
द हिस्टरी ऑफ ब्रिटीश
इंडिया |
|
क |
उ हिस्टरी ऑफ मराठाज् |
|
ड |
क्रेंब्रिज हिस्टरी ऑफ
इंडिया |
|
उत्तर |
द हिस्टरी ऑफ इंडिया |
|
33 |
…… याने ‘द हिस्टरी ऑफ द मराठाज्’ या ग्रंथाने तीन
खंड लिहिले. |
|
अ |
जेम्स मिल |
|
ब |
जेम्स ग्रँट डफ |
|
क |
विल्यम जॉन्स |
|
ड |
फ्रेडरिक मॅक्सम्युलर |
|
उत्तर |
जेम्स ग्रँट डफ |
|
34 |
भारतीय संस्कृती आणि इतिहास
कमी लेखण्याची प्रवृत्ती राजस्थानचा इतिहास लिहितांना ……. सारख्या अधिकाऱ्याच्या
लेखनात आाढळते. |
|
अ |
जेम्स ग्रँट डफ |
|
ब |
विल्यम जोन्स |
|
क |
कर्नल टॉड |
|
ड |
जेम्स मिल |
|
उत्तर |
कर्नल टॉड |
|
35 |
1922 ते 1937 च्या दरम्यान
प्रसिद्ध झालेले ……. या ग्रंथाचे पाच खंड वसाहतवादी इतिहासलेखनाचे उदाहरण आहेत. |
|
अ |
केंब्रिज हिस्टरी ऑफ इंडिया |
|
ब |
द सेक्रेड बुक्स ऑफ द
ईस्ट |
|
क |
मराठ्यांच्या इतिहासाची
साधने |
|
ड |
द इंडियन वॉर ऑफ इन्डिपेन्डस्य
1857 |
|
उत्तर |
केंब्रिज हिस्टरी ऑफ इंडिया |
|
36 |
इसवी सन 1784 मध्ये सर
विल्यम जोन्स यांनी ….. येथे एशियाटिक सोसायदीची स्थापना केली. |
|
अ |
मुंबई |
|
ब |
चेन्नई |
|
क |
दिल्ली |
|
ड |
कोलकाता |
|
उत्तर |
कोलकाता |
|
37 |
….. याच्या दृष्टीने संस्कृत
भाषा ही इंडो-युरोपीय भाषागटातील अतिप्राचीन शाखा होती. |
|
अ |
स्टुअर्ट एल्फिस्टन |
|
ब |
विल्यम जोन्स |
|
क |
ग्रँट डफ |
|
ड |
फ्रेडरिक मॅक्सम्युलर |
|
उत्तर |
फ्रेडरिक मॅक्सम्युलर |
|
38 |
फ्रेडरिक मॅक्सम्युलर
याने …… ग्रंथाचे जर्मन भाषेत अनुवाद केला. |
|
अ |
द सेक्रेड बुक्स ऑफ द
ईस्ट |
|
ब |
हितोपदेश |
|
क |
हर्षचरित |
|
ड |
राजतरंगिणी |
|
उत्तर |
हितोपदेश |
|
39 |
……. याने त्रग्वेद या
ग्रंथाचादेखील जर्मन भाषेत अनुवाद केला. |
|
अ |
स्टुअर्ट एल्फिस्टन |
|
ब |
फ्रेडरिक मॅक्सम्युलर |
|
क |
ग्रँट डफ |
|
ड |
विल्यम जोन्स |
|
उत्तर |
फ्रेडरिक मॅक्सम्युलर |
|
40 |
प्राच्यविद्यावंतांच्या
लेखनामगील छुपे सामाज्यवादी हितसंबंध प्रकाशात आणण्याचे काम ….. या विद्वानाने केले. |
|
अ |
ग्रँट डफ |
|
ब |
फ्रेडरिक मॅक्सम्युलर |
|
क |
एडवर्ड सैद |
|
ड |
वि. का. राजवाडे |
|
उत्तर |
एडवर्ड सैद |
|
41 |
महाराष्ट्रातील राष्ट्रवादी
इतिहास लेखनास …….. यांच्यापासुन प्रेरणा मिळाली. |
|
अ |
विष्णुशास्त्री चिपळुणकर |
|
ब |
सदाशिव आळतेकर |
|
क |
वि. का. राजवाडे |
|
ड |
वि. दा. सावरकर |
|
उत्तर |
विष्णुशास्त्री चिपळुणकर |
|
42 |
…… हे मराठी भाषेतून लेखन
करणारे इतिहासकार म्हणून परिचित आहेत. |
|
अ |
विष्णुशास्त्री चिपळुणकर |
|
ब |
सदाशिव आळतेकर |
|
क |
वि. का. राजवाडे |
|
ड |
वि. दा. सावरकर |
|
उत्तर |
वि. का. राजवाडे |
|
43 |
वि. का. राजवाडे यांनी
……. असे शीर्षक असणारे 22 खंड त्यांनी संपादित केले. |
|
अ |
मराठ्यांच्या इतिहासाची
साधने |
|
ब |
द हिस्टरी ऑफ इंडिया |
|
क |
द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेन्डन्स
1857 |
|
ड |
हितोपदेश |
|
उत्तर |
मराठ्यांच्या इतिहासाची
साधने |
|
44 |
भारतीयांनी ब्रिटीशांविरुद्ध
दिेलेल्या स्वातंत्र्यलढ्याला प्रेरणा देण्यासाठी ……. इतिलेखनाचा उपयोग झाला. |
|
अ |
प्रादेशिक |
|
ब |
वसाहतवादी |
|
क |
स्त्रीवादी |
|
ड |
राष्ट्रवादी |
|
उत्तर |
राष्ट्रवादी |
|
45 |
द इंडियन वॉर ऑफ इन्डिपेन्डन्स
1857 हे पुस्तक ….. यांनी लिहिले. |
|
अ |
वि. का. राजवाडे |
|
ब |
वि. दा. सावरकर |
|
क |
क्रॉम्रेड शरद पाटील |
|
ड |
सदाशिव आळतेकर |
|
उत्तर |
वि. दा. सावरकर |
|
46 |
…….. इतिहासकारांनी जातिव्यवस्थेत
होत गेलेल्या बदलांचा अभ्यास केला. |
|
अ |
राष्ट्रवादी |
|
ब |
प्रादेशिक |
|
क |
स्त्रीवादी |
|
ड |
मार्क्सवादी |
|
उत्तर |
मार्क्सवादी |
|
47 |
….. हे मार्क्सवादी इतिहासलेखनाचे
उदाहरण आहे. |
|
अ |
क्रेंब्रिज हिस्टरी ऑफ
इंडिया |
|
ब |
प्रिमिटिव्ह कम्युनिझम
टु स्लेव्हरी |
|
क |
हु वेअर द शुद्राज् |
|
ड |
द अनटचेबल्स् |
|
उत्तर |
प्रिमिटिव्ह कम्युनिझम
टु स्लेव्हरी |
|
48 |
राष्ट्रवादी इतिहासातून
…… इतिहासलेखनाला चालना मिळाली. |
|
अ |
स्त्रीवादी |
|
ब |
वसाहतवादी |
|
क |
प्रादेशिक |
|
ड |
वंचितांच्या |
|
उत्तर |
प्रादेशिक |
|
49 |
इतिहासलेसखनाची सुरूवात
समाजाच्या तळाशी असलेल्या सर्वसामान्य लोकांच्या स्तरापासून करायला हवी, ही कल्पना
…….. या तत्त्वज्ञाने मांडली. |
|
अ |
म. फुले |
|
ब |
म. गांधी |
|
क |
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर |
|
ड |
अँटोनिओ ग्रामची |
|
उत्तर |
अँटोनिओ ग्रामची |
|
50 |
वंचितांचा इतिहास लिहिण्यासाठी
……. हे एक महत्त्वाचे साधन मानले जाते. |
|
अ |
मौखिकपरंपरा |
|
ब |
लोकपरंपरा |
|
क |
राजपरंपरा |
|
ड |
लिखितपरंपरा |
|
उत्तर |
लोकपरंपरा |
|
51 |
म. फुले यांनी …… या पुस्तकात
शुद्रातिशुद्रांचा इतिहास उलगडून दाखवला आहे. |
|
अ |
गुलामगिरी |
|
ब |
द अनटचेबल्स |
|
क |
हु वेअर द शुद्राज् |
|
ड |
द हाय कास्ट हिंदु वुमन |
|
उत्तर |
गुलामगिरी |
|
52 |
डॉ. आंबेडकरांनी केलेल्या
लेखनांपैकी ……. हे ग्रंथ वंचितांच्या इतिहासाचे उदाहरण म्हणून सांगता येतील. |
|
अ |
गुलामगिरी |
|
ब |
द अनटचेबल्स |
|
क |
हु वेअर द शुद्राज |
|
ड |
2 आणि 3 दोन्ही |
|
उत्तर |
2 आणि 3 दोन्ही |
|
53 |
एकोणिसाव्या शतकात स्त्रियांविषयी
लेखन करणाऱ्या लेखिकांमध्ये ……. यांचे नाव अग्रणी आहे. |
|
अ |
पंडिता रमाबाई |
|
ब |
शार्मिला रेगे |
|
क |
ताराबाई शिंदे |
|
ड |
मीरा कोसंबी |
|
उत्तर |
ताराबाई शिंदे |
|
54 |
1882 मध्ये प्रसिद्ध झालेले
……… हे पुस्तक भारतातील पहिले स्त्रीवादी लेखन समजले जाते. |
|
अ |
स्त्रीपुरुष तुलना |
|
ब |
द हाय कास्ट हिंदु वुमन |
|
क |
रायटिंग कास्ट |
|
ड |
द अपटचेबल्स |
|
उत्तर |
स्त्रीपुरुष तुलना |
|
55 |
द हाय कास्ट हिंदु वुमन
हे पुस्तक …… यांनी लिहिले. |
|
अ |
ताराबाई शिंदे |
|
ब |
पंडिता रमाबाई |
|
क |
शर्मिला रेगे |
|
ड |
मीरा कोसंबी |
|
उत्तर |
पंडिता रमाबाई |
|
56 |
स्त्रीवादी लेखनात
…….. यांच्या ‘क्रॉसिंग थ्रेशोल्डस् : फेमिनिस्ट एस्सेट इन सोशल हिस्टरी’ या पुस्तकाचा
उल्लेख केला जातो. |
|
अ |
ताराबाई शिंदे |
|
ब |
पंडिता शिंदे |
|
क |
शर्मिला रेगे |
|
ड |
मीरा कोसंबी |
|
उत्तर |
मीरा कोसंबी |
|
57 |
शर्मिला रेगे यांनी
….. हे निबंध लिहिले. |
|
अ |
रायटिंग कास्ट |
|
ब |
रायटिंग जेंडर |
|
क |
स्त्री पुरुष तुलन |
|
ड |
1 आणि 2 दोन्ही |
|
उत्तर |
1 आणि 2 दोन्ही |
|
58 |
विशिष्ट विचारसरणीचा आश्रय
न घेता इतिहास लिहिणाऱ्यांमध्ये …… यांचा नामोल्लेख करावा लागतो. |
|
अ |
सुरेंद्रनाथ सेन |
|
ब |
त्र्यंबक शंकर शेजवलकर |
|
क |
सर यदुनाथ सरकार |
|
ड |
वरील पैकी सर्व |
|
उत्तर |
वरीलपैकी सर्व |
|
59 |
……. यांना समाज ‘रियासतकार’
म्हणून ओळखतो. |
|
अ |
सुरेंद्रनाथ सेन |
|
ब |
गोविंद सखाराम सरदेसाई |
|
क |
सर युदनाथ सरकार |
|
ड |
त्र्यंबक शेजवलकर |
|
उत्तर |
गोविंद सखाराम सरदेसाई |
|
60 |
7 जुलै 1910 रोजी
…….. यांनी इतिहास संशोधनाच्या कार्यासाठी भारत इतिहास संशोधक मंडळ स्थापन केले. |
|
अ |
विष्णुशास्त्री चिपळूणकर |
|
ब |
सदाशिव आळतेकर |
|
क |
वि. का. राजवाडे |
|
ड |
वि. दा. सावरकर |
|
उत्तर |
वि. का. राजवाडे |

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